स्वर्गीय सरदार सोहन सिंह रील जी का जन्म 15 फरवरी 1925 ई. में बन्नू बलूचिस्तान(पाकिस्तान) में हुआ था जिन्हें जबलपुर व महाकौशल क्षेत्र की जनता प्यार से "बाबू जी" कहती थी।
स्वर्गीय सरदार सोहन सिंह रील जी कमर्ठ, जुझारू, धर्मानुयायी व्यक्ति थे। इनके कार्याे से प्रभावित होकर अनेक धर्मो के द्वारा इन्हे सम्मानित भी किया गया था। इनके कार्यो को देखतें हुए सिक्ख समाज ने इनको "सिक्ख रत्न" की उपाधि से नवाजा था। समाज उत्थान हेतु आप जीवन पर्यंत प्रयासरत रहे। इनके समय में विभिन्न धर्मों में आपसी भाईचारा कायम करने हेतु इनकी मदद स्थानीय प्रशासक भी लेते थे।
शिक्षा के क्षेत्र में गहरी रूचि रखने के कारण ही इतनी उच्च कोटि की संस्थायें बुनियादी से काॅलेज स्तर की शिक्षा की व्यवस्था स्वर्गीय सरदार सोहन सिंह रील द्वारा जीवन पर्यन्त सचिव पद पद सेवारत् रहते हुए की गई तथा उनके मार्गदर्शन में सोसायटी ने शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी कार्य किया इन्ही की बदौलत संस्था छोटे स्तर से बडे स्तर में निरंतर तब्दील होती चली गई। संस्कारधानी जबलपुर एंव गुरू गोबिंद सिंह एजुकेशन सोसायटी , जबलपुर इनके द्वारा किये गए कार्यो हेतु संस्था सर्वदा ऋणी रहेगी व उनके द्वारा लगाये गये इस वट वृक्ष के तले शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने हेतु प्रयासरत् रहेगी।